धूप और मैं

कुछ देर बालकनी में बैठकर रोज़ धूप का इंतज़ार करता हूँ,
कमरे की ड्योढ़ी तक आकर वो चली जाती हैं ,
मैं कुछ न सोचते हुए भी बस ये करता हूँ ,
अगली सुबह फिर  धूप का इंतज़ार करता हूँ ....... 



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